Wednesday, November 20, 2013

यादों के झरोंखे

यादों के झरोखों में
रखेंगे महफूज़ ,
करेंगे हिफाज़त तेरी
मेरी आँख के नूर  …

दुनिया भर कि खुशियां
तुझ पर कर कुर्बान ,
मेरे हिस्से  की हँसी भी
अमानत तेरी ही मेरी जान  …

ग़म हो जो भी तेरे
वो मेरे समझ ,
आंसू तेरी पलकों पे
आने न देंगे हम  …

ज़िन्दगी में कहीं भी
अकेले न होगे तुम ,
आलम तन्हाई का
छाने न देंगे हम  …

सौदा न समझना इसे
चाहें कुछ भी न हम ,
बस तेरी एक हँसी पर
दिल-ओ-जान न्यौछावर सनम  …



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