उम्मीदों का कत्ले-आम ,
मुहब्बत का जनाज़ा ,
दर्द का पैग़ाम ,
बेशक़ीमती तोहफ़ों की यह खान …
अश्कों की सौग़ात ,
दे गये वो अल्फ़ाज़ ,
जिनसे हमारी धड़कन ,
कभी मिलाती थी साज़ …
मुहब्बत का जनाज़ा ,
दर्द का पैग़ाम ,
बेशक़ीमती तोहफ़ों की यह खान …
अश्कों की सौग़ात ,
दे गये वो अल्फ़ाज़ ,
जिनसे हमारी धड़कन ,
कभी मिलाती थी साज़ …
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